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आज की इस पोस्ट में आप जानेंगे कि सही फातिहा का तरीका (Fatiha ka Tarika) क्या है। और सुन्नत तरीके से फातिहा कैसे दी जाए। तो चलिए जानते हैं, फातिहा का तरीका-Table of Contentsफातिहा देने के लिए सबसे पहले वुजू कर लें। वुजू करने के बाद किबला रुख करके बैठ जाएं, किबला रुख बैठने के बाद जिस चीज पर फातिहा देनी हो, (या इसाले सवाब देना हो) उसे अपने सामने की तरफ रख लें।जिसपर फातिहा लगाना है, अगर वह चीज ढकी हुई है तो उसे खोल कर रखें। और आखिर में अगरबत्ती जला लें। अब आप फातिहा देने के लिए तैयार हैं।फातिहा पढ़ने के लिए आपको सबसे पहले 3 बार दरूद शरीफ पढ़नी होगी, तीन बार view it now शरीफ पढ़ने के बाद आपको यह सूरह पढ़नी होंगी, जो यह हैं-अगर आपको दरूद शरीफ या फातिहा लगाने के लिए इन सुरहों मे से कोई सी भी सूरह याद नहीं है, तो आप यहां से देख सकते हैं।यह पढ़ें- दुआ ए कुनूत हिंदीयह पढ़ें- आयतुल कुर्सीबिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्रहीमअल्लाहुमा सल्ली अला मुहम्मद।
अल्लाहुमा सल्ली अलैहि व सल्लिम।।3 बार दरूद शरीफ पढ़ने के बाद एक बार सूरह काफिरूँन पढ़ें-बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्रहीमकुल या अय्यूहल काफिरूँन
ला अ अबुदू मा तबुदउँ
वला अंतुम आ बिदुना मा अ अबुदू
वला अना अबिदुम मा अबित तुम
वला अंतुम अबिदुना मा अ अबुद
लकुम दिनुकूम वलय दीन।।( तुम कह दो अपने ईमान से इनकार और नफरत करने वालो, नहि तो में उस की तरफदारी करता हूँ जिसकी तुम इबादत करते हो। और तुम भी उसकी तरफदारी नहीं करते हो जिसकी में इबादत करता हूँ।और यह भी लाज़मी है कि मैं उसकी इबादत कभी न करूंगा जिसकी तुम तरफदारी करते हो। और तुम भी कभी उस की इबादत नही करोगे जिसकी इबादत में करता हूँ। इसलिए यह लाज़मी है तुम्हारे लिए तुम्हारा दीन और मेरे लिए मेरा दीन। )(Fateha ka Tareeqa) फातिहा देने के लिए सूरह काफिरूँन के बाद अब आपको सूरह इखलास पढ़ना होगा और अगर आपको सूरह इखलास नहीं आती, तो यह पढ़ें-बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्रहीमकुल हुवल लाहु अहद
अल्लाहुस समद
लम यदिल वलम यूलद
वलम युकुल लहू कुफुवन अहद।( आप यह कह सकते हैं, कि अल्लाह केवल एक ही है, अल्लाह बेनियाज़ है। अल्लाह न हि तो किसी का वालिद है, और न ही वह किसी का वारिस है। और इस पूरे जहां में अल्लाह के बराबर कोई भी नही है। )फातिहा में सूरह इखलास पढ़ने के बाद अब आप पढेंगे, सूरह फलक जिसको फातिहा देते वख्त एक बार ही पढ़ना है।बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्रहीमकुल अऊजु बिरब्बिल फलक
मिन शररि मा ख़लक़
वमिन शररि ग़ासिकिन इज़ा वकब
वमिन शररिन नफ़ फ़ासाति फ़िल उक़द
वमिन शररि हासिदिन इज़ा हसद।।( आप यह कह दें, कि मैं सुबह के रब से पनाह मांगता हूँ। कायनात के सारे मख़लूक़ात के सर से, और अंधेरी रात के सर से, सारी औरतों के सर से, और हसद करने वालों के सर से में पनाह मांगता हूँ। )सूरह फ़लक के बाद अब आपको पढ़नी होगी सूरह नास, जिसको भी आपको 1 बार ही पढ़ना है। और अगर आपको सूरह नास नहीं आती है तो आप यह सूरह नास देख सकते हैं-बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्रहीमकुल आउजु विरब बिन नास
माली किन नास
मिन शर रिल विसवासिल खन्नास
अल्ल्जी युवस विसु फि सुदुरिन नास
मिनल जिन्नति वन नास( आपको यह कहना है, कि मैं पनाह में आता हूँ उन कायनात के सभी लोगों के प्रवर दीगार से, सभी लोगों के बादशाहों से सभी लोगों के ममुद से, उसके खन्नास से जो वसवसा डालते हैं। जो लोगो मे वसवसा डालते हैं। सभी इंसानों में। )फातिहा के सही तरीके में एक बार सूरह नास पढ़ने के बाद अब बारी आती है, सूरह फातिहा के पढ़ने की। जिसे भी एक बार ही पढ़ना है। तब चलिए पढ़ते हैं सूरह फातिहा-बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्रहीमअल्हम्दु लिल्लाहे रब्बिल आलमीन
अर्रहमान निर्रहीम*मालिके यौमिद्दीन
इय्याका नअबुदु वइय्याका नस्तईन
इहदिनस सिरातल मुस्तक़ीम
सिरातल लज़ीना अनअम्ता अलैहिम गै़रिल मग़दूबे अलैहिम वलद दॉल्लीन( अल्लाह पूरी कायनात का मालिक है, और उसमें सारी खूबियां हैं। वह सभी पर दया करता है, और वह बहुत रहमत वाला है। उसी को इंसाफ के दिन के नाम से भी जाना जाता है।हम और सभी तुझी को पूजना चाहते हैं, और तुझी से हर चीज की सलाह लेना चाहते find more information सभी को सही रास्ते पर चलाना तेरे ही ऊपरहै। तूने कई लोगों को सही रास्ता दिखाकर अपना एहसान दिखाया है। )फातिहा के तरीके में अब आखिर में आपको पढ़ना होगा, सूरह बकरा, जिसे और सुरहों कि तरह ही एक बार पढ़ना है, आपको यह बताते चलें कि सूरह बकराह कुरान पाक की सबसे बड़ी आयत है। और अगर आपको यह नहीं आती है, तो यहां से पढ़िये-बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्रहीमअलिफ लाम मीम।यह सारी सूरह पढ़ने के बाद अब आपने फातिहा पढ़ लिया है, फातिहा पढ़ने के बाद अब यह बख्शने का तरीका पढ़िये, जिससे आपका फातिहा सफल होगा।हे अल्लाह मेने important site सुरहें पढ़ीं, इन्हें कुबूल फरमा, और अगर मेरे पढ़ने में कोई गलती हुई है, तो मुझे अपना बच्चा समझ उसे माफ कर देना।सूरह इख़लास के फायदे (Fatiha dene ka Tarika)-सूरह बकराह के फायदे (Fatiha ka Tarika)-सूरह फातिहा के फायदे (Fateha ka Tareeqa)-हम आपको बता देना चाहते हैं, कुछ लोग समझते हैं, कि सिर्फ आदमी यानि मर्द ही फातिहा दे सकते हैं, पर ऐसा नहीं है। अगर किसी कारण से फातिहा देने के लिए मर्द नही है, तो औरत भी फातिहा दे सकती है।आज आपने जानी Fatiha ka Tarika in Hindi. .

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Your a daily written record of (usually personal) experiences and observations a person responsible for the editorial aspects of publication; the person who determines the final content of a text